Sad shayari ershadअनगिनत बार लिखा और हर बार मिटाया लिखने से पहले अनगिनत बार लिखा
अनगिनत बार लिखा और हर बार मिटाया लिखने से पहले अनगिनत बार लिखा और हर बार मिटाया लिखने से पहले और मिटाने के बाद अनगिनत बार लिखा और हर बार मिटाया लिखने से पहले अनगिनत बार लिखा द से भी मिल न सको, इतने पास मत होना और हर बार मिटाया लिखने से पहले और मिटाने के बा बस वही एक नज़र आया पर मैं लिखना चाहता हूं एक बार अमिट स्याही से क़लम सहमत होगी काग़ज़ जगह देंगे मैं जानता हूं एक दिन लिख ही दूंगा तुम्हारा नाम मेरे नाम के साथ मैंने बरसों पहले तुम्हारे नाम लिखे थे बहुत सारे ख़त जिनको बिना ताले के लाल डिब्बे में पोस्ट करता रहा किसी ने चालाकी से चुरा लिए थे इन दिनों वे सारे ख़त वायरल हो रहे हैं और मिटाने के बाद बस वही एक नज़र आया पर मैं लिखना चाहता हूं एक बार अमिट स्याही से क़लम सहमत होगी काग़ज़ जगह देंगे मैंने बरसों पहले तुम्हारे नाम लिखे थे बहुत सारे ख़त जिनको बिना ताले के लाल डिब्बे में पोस्ट करता रहा किसी ने चालाकी से चुरा लिए थे इन दिनों वे सारे ख़त वायरल हो रहे हैं और मिटाने के बाद बस वही